DGP का बड़ा आरोप: सोनम वांगचुक ने भड़काई हिंसा, सीमा पार से 'सूचना' देने का शक!
पाकिस्तानी मूल के शख्स से संपर्क, जांच में जुटी एजेंसियां!
लेह (लद्दाख): लद्दाख के हिंसाग्रस्त लेह शहर से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है! तीन दिनों की जबरदस्त सख्ती के बाद शनिवार को पहली बार कर्फ्यू में ढील दी गई, लेकिन शहर में तनाव अभी भी बरकरार है। इस बीच, पुलिस ने 24 सितंबर को हुई घातक झड़पों के पीछे का 'मास्टरमाइंड' माने जा रहे सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
कर्फ्यू में '4 घंटे की सांस', सड़कों पर शांति
दोपहर होते ही पुराने और नए इलाकों में लोगों को चरणबद्ध तरीके से 4 घंटे के लिए बाहर निकलने की इजाजत मिली। पुलिस और अर्धसैनिक बल की कड़ी निगरानी में लोग जरूरी सामान खरीदने और ATM से कैश निकालने के लिए कतारों में लगे दिखे। अच्छी बात यह रही कि इस दौरान शांति बनी रही। पुलिस महानिदेशक (DGP) एस.डी. सिंह जामवाल ने बताया कि पुराने शहर में दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक और नए इलाकों में 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक ढील दी गई थी।
DGP का 'धमाकेदार' बयान: वांगचुक के पाक से लिंक!
लेकिन असली 'बम' DGP जामवाल ने फोड़ा! लेह के टॉप पुलिस ऑफिसर ने ANI को दिए बयान और प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ-साफ कहा कि हिंसा के मुख्य सूत्रधार सोनम वांगचुक ही हैं!
जामवाल ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत हिरासत में लिए गए वांगचुक एक पाकिस्तानी भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) के संपर्क में थे। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि वह PIO "सीमा पार जानकारी दे रहा था!"
DGP ने कहा, "हमने हाल ही में एक पाकिस्तानी PIO को गिरफ्तार किया था जो सोनम वांगचुक के संपर्क में था और सीमा पार जानकारी दे रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड है। उसने पाकिस्तान में एक डॉन कार्यक्रम में भाग लिया था, बांग्लादेश भी गया था। तो, उस पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है... जांच की जा रही है।"
हिंसा में 4 मौतें, 'पर्यावरण कार्यकर्ता' पर सवाल
पुलिस का आरोप है कि वांगचुक के नेपाल और अरब स्प्रिंग के विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों की एक सीरीज ने 24 सितंबर की घातक झड़पों को हवा दी। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई और कई नागरिक, पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारी घायल हुए।
जामवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक पर केंद्र के साथ चल रही बातचीत को पटरी से उतारने का भी सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 5 से 6 हजार लोगों ने सरकारी इमारतों और राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हमला किया।
DGP ने जोर देकर कहा, "चल रही प्रक्रियाओं (केंद्र के साथ बातचीत) को तोड़फोड़ करने के प्रयास किए गए... इसमें कुछ तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल थे; उनकी विश्वसनीयता पर भी एक प्रश्नचिह्न है। उन्होंने मंच को हाईजैक करने की कोशिश की, और यहां प्रमुख नाम सोनम वांगचुक है, जिन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिए हैं और प्रक्रिया को पटरी से उतारने का काम किया है।”
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अब सोनम वांगचुक और उनके कथित अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की गहराई से जांच की जा रही है।
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