मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में एक किसान के साथ दुर्व्यवहार करना एक तहसीलदार बीके पटेल को भारी पड़ गया। एक वीडियो सामने आने के बाद रीवा के कमिश्नर बीएस जामोद ने उन्हें तत्काल निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संज्ञान में मामला आने और उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद की गई।
25 सितंबर की घटना, 27 को वीडियो वायरल
यह घटना 25 सितंबर को उप तहसील देवतालाब के गनिगमा गांव की है। इस घटना का वीडियो शनिवार (27 सितंबर) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें तहसीलदार बीके पटेल गांव के किसान सुषमेश पांडे की कॉलर पकड़कर उनके साथ धक्का-मुक्की और अभद्रता करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में पटेल किसान से कहते सुनाई पड़ रहे हैं: "कौन है तू? बकवास मत करना।"
तहसीलदार की सफाई: खुद के बचाव में की कार्रवाई
मामले पर अपनी सफाई देते हुए कलेक्टर संजय कुमार ने तहसीलदार बीके पटेल का पक्ष बताया। पटेल ने जवाब दिया कि वहां मौजूद लोगों ने लोहे की रॉड निकालकर उन्हें धमकाया और मारपीट करने की नीयत से दौड़े। तहसीलदार के अनुसार, उन्होंने कानून-व्यवस्था बिगड़ने से रोकने और अपने बचाव के लिए किसानों के खिलाफ कार्रवाई की।
जाँच के आदेश, एडीएम को मिली जिम्मेदारी
कलेक्टर ने बताया कि मामले की पूरी जाँच की जिम्मेदारी अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) को सौंपी गई है। एडीएम को रविवार तक अपनी जाँच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
तहसीलदार ने वीडियो को 'एडिटेड' और 'भ्रामक' बताया था
निलंबन से पहले, तहसीलदार बीके पटेल ने वीडियो को गलत तरीके से एडिट कर पेश करने और भ्रामक होने की बात कहकर अपना बचाव किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि यह मामला सिविल न्यायालय से जुड़ा था और प्रशासन कोर्ट के आदेश का पालन करने गया था।
नायब तहसीलदार की जुबानी: बाधा डालने पर हुई स्थिति खराब
घटना के समय मौके पर मौजूद देवतालाब के नायब तहसीलदार उमाकांत मिश्रा ने बताया कि वह सिविल कोर्ट के आदेश पर दो प्रजापति परिवारों के बीच जमीन के विवाद में कब्जा दिलाने गए थे। उन्होंने कहा कि विपक्षी पक्ष ने कोई दस्तावेज नहीं दिया और गुस्से में आकर शासकीय कार्य में बाधा डालने लगा और गाली-गलौज भी की। नायब तहसीलदार के मुताबिक, पुलिस बल पर्याप्त नहीं था, इसलिए स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए यह कदम उठाना पड़ा।
नियमों का उल्लंघन: गृह जिले में ही थी पदस्थापना
किसानों ने तहसीलदार बीके पटेल पर एक गंभीर आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि तहसीलदार पटेल मऊगंज जिले के ही रहने वाले हैं। नियमों के मुताबिक, निष्पक्षता बनाए रखने के लिए किसी भी अधिकारी को उसके गृह जिले में पोस्ट नहीं किया जाता है। पटेल का पूरा परिवार नई गढ़ी में रहता है।
पहले भी विवादों में रहे हैं बीके पटेल
यह पहली बार नहीं है जब तहसीलदार बीके पटेल विवादों में आए हैं। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। पहले भी उन पर वकीलों के साथ अभद्र व्यवहार करने और सूचना के अधिकार (RTI) के तहत गलत जानकारी देने के आरोप लगे थे। तब उन्होंने एक बार यह भी लिख दिया था कि वकील भारत के नागरिक नहीं हैं, जिसके विरोध में वकीलों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।